Raziya bano

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लेखनी कहानी -01-Jun-2022शायरी

            मुक्तक

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जिनकी फितरत है डंसने
            कि वो लोग तो डसेंगे ही
 जो खुद गिरे हुए हैं वो
            आपके गिरने पर हंसेंगे ही
इस जिंदगी का रिवाज ही
             कुछ ऐसा है ए दोस्त मेरे
जो पैदा हुए हैं यहां वो
          आज नहीं तो कल मरेंगे ही


रजिया बानो

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10 Comments

shweta soni

23-Jul-2022 11:12 AM

Nice 👍

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Mamta choudhary

10-Jun-2022 08:49 AM

Super

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Barsha🖤👑

03-Jun-2022 12:28 PM

Nice

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